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सिम पोर्ट क्या है और कैसे कराएं ? नंबर

सिम पोर्ट कैसे करे ? मोबाइल नंबर कंपनी चेंज कैसे करे ? सिम कंपनी बदलना है, कैसे चेंज होगा। नंबर पोर्ट क्या होता है, कैसे करे हिंदी में जानिए।

दोस्तों आज कल आपने एक शब्द बहुत ज्यादा सुना होगा जो है सिम पोर्ट लोगों द्वारा यह सलाह दी जाती है कि अपना नंबर सिम पोर्ट करा लें ताकि आप बेहतर ढंग से अपने नंबर का इस्तेमाल कर सकें ऐसी स्थिति में जिन लोगों को सिम पोर्ट के बारे में जानकारी होती है वह तो समझ जाते हैं लेकिन कुछ लोग इस बात को नहीं समझ पाते हैं और शर्म या फिर किसी और कारण की वजह से पूछते भी नहीं है कि सिम पोर्ट कराना क्या होता है, तो आपकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि सिम पोर्ट कराना क्या होता है और यदि आप कोई सिम पोर्ट कराना चाहते हैं तो इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा तो हमारे आज के आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहे हैं आज आपको काफी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने वाली है और यदि आपके सिम में किसी तरह की कोई समस्या आ रही है या फिर आप काफी लंबे समय से इंटरनेट नहीं चला पा रहे हैं तो इस समस्या का हल आपके पास क्या है इन सभी के बारे में आज़ हम विस्तार से विचार करेंगे तो आइए ज्यादा समय ना लेते हुए जानते हैं कि सिम पोर्ट क्या है और इसको किस तरह से कराया जा सकता है।

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सिम पोर्ट या एमएनपी क्या है ?

SIM Port Kya Hota Hai Hindime

यदि आप को सिम पोर्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आपको हम यह बताना चाहेंगे कि यह एक ऐसी सुविधा है जिसके माध्यम से आप अपनी सिम से संबंधित सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं और अपनी सिम का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं सिम पोर्ट करने में होता है यह है कि आप जो भी सिम इस्तेमाल कर रहे हैं मान लीजिए यदि आप एयरटेल के यूजर हैं तो आप को अगर एयरटेल का सिम चलाने में आपको किसी तरह की कोई समस्या आ रही है तो आप उस को पोर्ट करा कर जियो में बदल सकते हैं या फिर आइडिया में बदल सकते हैं और इसके लिए आपको अपना नंबर बदलने की भी आवश्यकता नहीं होगी इसे ही सिम पोर्ट करना कहते हैं।

हम आपको यह बताना चाहेंगे कि सिम पोर्ट को एमएनपी के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब होता है मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी इसका अर्थ भी वही है कि आप अपनी कोई भी सिम किसी भी नेटवर्क में बदल सकते हैं और इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर बदलने की भी आवश्यकता नहीं होगी तो आइए जानते हैं कि यदि आप अपने सिम कार्ड से परेशान है और आपको काफी लंबे समय से समस्या हो रही तो आप किस तरह से अपनी सिम कार्ड किसी दूसरे टेलीकॉम नेटवर्क में पोर्ट करा सकता है।

सिम पोर्ट कराने की जरूरत

कभी-कभी ऐसा होता है कि हम कोई नया सिम कार्ड खरीदते हैं कुछ दिनों तक तो उसमें कोई समस्या नहीं आती है लेकिन धीरे-धीरे उसमें समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं सबसे बड़ी समस्या जो होती है वह यही होती है कि उस सिम कार्ड में पर्याप्त नेटवर्क नहीं आ पाते जिसके कारण कई बार आप ठीक तरह से इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं और किसी से बातचीत भी ढंग से नहीं कर पाते, इन्ही सब बातों से परेशान होकर लोग अक्सर सोचते हैं कि काश कोई दूसरा सिम कार्ड खरीदना चाहिए था लेकिन तभी लोग यह भी सोचते हैं कि यदि दूसरा सिम कार्ड खरीदा जाएगा तो वह नंबर भी नया होगा और ऐसी स्थिति में थोड़ी समस्या हो सकती है लेकिन सिम पोर्ट कराने का जो तरीका है वह सबसे बेहतर तरीका है क्योंकि इस तरीके से आप अपना नंबर बदले बिना ही कोई नई सिम कार्ड में अपना नंबर पोर्ट करा सकते हैं फिर चाहे आपके पास जिओ की सिम हो या एयरटेल की सिम हो आप किसी भी टेलीकॉम कंपनी मे अपना सिम कार्ड पोर्ट करा सकते हैं और आपका नंबर वही रहेगा।

SIM नंबर पोर्ट कैसे करें ? नंबर

how to port my number hindime

यदि आप भी अपनी कोई सिम कार्ड किसी दूसरी टेलीकॉम कंपनी में पोर्ट कराना चाहते हैं तो आप यह काम किस तरीके से कर सकते हैं आइए थोड़ा विस्तार से इस बारे में जान लेते हैं ताकि आपको सिम कार्ड पोर्ट कराते समय किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो,

  1. अगर आप अपना सिम कार्ड पोर्ट कराना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको करना यह है कि अपने फोन के मैसेज मैं जाना है जहां से आप आपने बाकी मैसेज भेजते हैं वहां पर जाने के बाद आपको वहां पोर्ट लिखना है उसके बाद अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना है फिर उसे 1900 पर भेज देना है। उदाहरण के लिए PORT 1222344432 इस तरह से आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना है जो आप पोर्ट कराना चाहते हैं फिर आपको इसे आसानी से 1900 पर सेंड कर देना है।
  2. जब आप यह मैसेज भेज देंगे उसके थोड़ी देर बाद आपको एक यू पी सी कोड मिलेगा जो आपने नंबर दिया था उसी नंबर पर यह कोड आएगा आपको ध्यान रखना है कि आपका मोबाइल नंबर एक्टिव रहे क्योंकि यदि आपका मोबाइल नंबर एक्टिव नहीं रहेगा तो आप तक यह यूपीसी कोड नहीं पहुंच पाएगा और नंबर पोर्ट कराने के लिए सबसे आवश्यक होता है यू पी सी कोड इसलिए जब भी आपको यूपीसी कोड मिले आपको उसे याद करना है या आप चाहें तो इसे कहीं पर लिख भी सकते हैं ताकि आपको बाद में कोई समस्या ना हो।
  3. हम आपको बताना चाहेंगे कि यू पी सी कोड लगभग 15 दिन तक वैलिड रहता है यदि आप 15 दिन के बाद अपना नंबर पोर्ट कराना चाहेंगे तो इस यूपीसी कोड के माध्यम से आपका नंबर पोर्ट नहीं हो पाएगा इसलिए आपको 15 दिन के अंतर्गत ही अपना नंबर पोर्ट कराना होगा जब आपको यूपीसी कोड मिल जाएगा उसके बाद आप जिस भी टेलीकॉम कंपनी के साथ जुड़ना चाहते हैं या अपना नंबर उनके साथ पोर्ट कराना चाहते हैं आपको उनके सेंटर जाना होगा।
  4. सेंटर पर जाने के बाद आपको उनके द्वारा एक फॉर्म दिया जाएगा और आपको उस फॉर्म में अपना यू पी सी कोड, अपना नाम और अपने कुछ डॉक्यूमेंट लगाने होंगे जैसे आधार कार्ड और आपकी पासपोर्ट साइज फोटो कुछ स्थिति में आपको फॉर्म भरने की भी आवश्यकता नहीं होती कंपनी आपके लिए फॉर्म खुद ही भर लेती है लेकिन फिर भी यदि आपको फॉर्म भरने में कोई समस्या हो रही है तो आप वहां मौजूद लोगों से मदद ले सकते हैं वह आपकी फॉर्म भरने में सहायता कर देंगे।
  5. जब आप यह सभी फॉर्मेलिटी अच्छे से कर लेंगे उसके बाद आपको नया सिम कार्ड दे दिया जाएगा हालांकि आपका नंबर पुराना वाला ही रहेगा नया सिम कार्ड मिलने के 2 से 3 दिन बाद आपका सिम चालू हो जाएगा और आप उसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

सिम पोर्ट कराने के नुकसान

यदि आप अपनी सिम पोर्ट कराने जा रहे हैं तो इससे आपको कुछ फायदे तो मिलते ही है साथ में इसके कुछ नुकसान भी हैं सबसे पहले इनके फायदे की बात करें तो अगर आपको अपने पुराने सिम कार्ड में किसी तरह की कोई समस्या आ रही थी या नेटवर्क का प्रॉब्लम आ रहा था तो नया सिम कार्ड मिलने के बाद आपकी वह समस्या दूर हो जाएगी,लेकिन हम आपको यह बताना चाहेंगे कि जब आप नई टेलीकॉम कंपनी में अपना सिम कार्ड पोर्ट कराएंगे तो आपके पुराने वाले सिम कार्ड में जो भी इंटरनेट पैक था या फिर जो भी बैलेंस था वह आपको नहीं मिल पाएगा इसलिए आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए।

सिम पोर्ट कराने के फायदे

जब आप अपना सिम कार्ड पोर्ट कराएंगे तो कंपनी की तरफ से आपको फोन आ सकता है जो आप आपसे यह पूछेंगे कि आप अपना सिम कार्ड पोर्ट क्यों कराना चाहते हैं और ऐसी स्थिति में कई बार टेलीकॉम कंपनी अपने ग्राहकों को नए ऑफर भी दे देती है ताकि आप सिम कार्ड पोर्ट ना करें तो इससे आपको फायदा हो सकता है इसके अलावा यदि आप इंटरनेट की समस्या के कारण अपना सिम कार्ड पोर्ट करा रहे हैं तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि जिस भी टेलीकॉम कंपनी का आप सिम खरीद रहे हैं उसमें इंटरनेट की समस्या ना हो कई बार ऐसा होता है कि लोग सिम को पोर्ट करा लेते हैं लेकिन फिर भी उनकी समस्या हल नहीं हो पाती इसलिए आपको इसकी जानकारी अच्छे से प्राप्त करनी हैं।

महत्वपूर्ण जानकारी

आपके लिए जानना जरूरी है कि जब भी आप अपने सिम कार्ड को पोर्ट कराएंगे और जब आपकी सिम पोर्ट हो जाएगी उसके लगभग 3 महीने तक आप अपनी सिम कार्ड को दोबारा पोर्ट नहीं करा सकते हैं इसलिए आपको यह ध्यान रखना है कि आप जिस भी टेलीकॉम कंपनी के साथ जुड़ रहे हैं उसमें किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो यदि आप इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर अपना सिम कार्ड पोर्ट करेंगे तो आपको कोई समस्या नहीं होगी और आप सिम कार्ड पोर्ट कराने के बाद नई सिम के साथ सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

अंतिम शब्द

अंत में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि यदि इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले आपके मन में बहुत सारे सवाल थे कि सिम कार्ड पोर्ट कैसे कराई जाती है और एमएनपी का मतलब क्या होता है तो यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपके मन में यह जितने भी सवाल होंगे वह सभी सवाल दूर हो गए होंगे यदि आप भी अपना सिम कार्ड पोर्ट कराना चाहते हो तो हमने चरणबद्ध तरीके से बताया है कि आप किस तरह से अपना सिम कार्ड पोर्ट करा सकते हैं। यदि अभी भी आप कोई सवाल हमसे पूछना चाहते हैं तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में उनसे अपना सवाल पूछ सकते हैं वहां हम आप के सभी सवालों के जवाब देने का पूरा प्रयास करते हैं साथ ही यदि आपको इस आर्टिकल से कुछ जानकारी प्राप्त हुई तो हम आपसे निवेदन करना चाहेंगे कि इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें ताकि उन तक भी यह जानकारी पहुंच सके और वह भविष्य में कभी सिम कार्ड पोर्ट कराने की सोचे तो उन्हें कभी ज्यादा समस्या ना हो।

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This post was last modified on October 22, 2021 6:31 pm