किसान क्रेडिट कार्ड कॉल सेण्टर नंबर, किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर, किसान क्रेडिट कार्ड फ़ोन नंबर, कस्टमर केयर नंबर, ऑफिस नंबर, टेलीफ़ोन नंबर, KCC helpline number
भारत सरकार जिस तरह से अपने किसानो का ख्याल रखती है, शायद ही दुनिया में कोई और देश में सरकार अपने किसानो के लिए कार्य करती हो। हमने अपने पिछले लेख में किसान क्रेडट कार्ड के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी थी, हमने बताया था, की यह कार्ड बनवाना कितना आसान है, और इस कार्ड बनवाने से आपको क्या क्या लाभ प्राप्त हो सकते हैं, अगर आप इस वेबसाइट पर फर्स्ट टाइम आये हैं, तो आपको एक बार वह लेख भी पढ़ना चाहिए, लेख का लिंक हमने सबसे निचे दिया है।
फिलहाल हम यहाँ पर किसान क्रेडिट कार्ड कस्टमर केयर नंबर के बारे में जानेंगे, कई बार हमे लोन से जुडी कुछ जानकारी पता करनी होती है, और हम बार बार इंटरनेट पर समय बर्बाद करते हैं, जबकि इस योजना के लिए आपको हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना होगा, यह लेख हमने केवल इसी टॉपिक पर लिखा है, इसमें हम आपको किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताएंगे, ताकि अगर आप इस कार्ड को बनवाने के लिए उत्सुक है, और यह योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो फिर कस्टमर केयर से सम्पर्क कर सकते हैं। आईये बिना देरी के सभी जानकारी प्राप्त करते हैं।
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किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर
किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर यहाँ दिया गया है, अगर आपको एक क्रेडिट कार्ड बनवाना है। या फिर किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में कुछ जानना है, तो फिर यहाँ दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करके जानकारी ले सकते हैं। यह नंबर वर्किंग ऑवर में काम करता है, तो संडे को कॉल ना लगाएं।

किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर | 011-24300606 |
Kisan Credit Card Call Center Number | 011-24300606 |
Kisan Credit Card Email Account | pmkisan-ict@gov.in |
Kisan Credit Card Website | https://pmkisan.gov.in/ |
किसान का अर्थव्यवस्था में योगदान
भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारा देश में किसान का बहुत बड़ा महत्व है, या ना केवल देश के लिए अनाज उपजाते हैं, बल्कि देश के अर्थव्यवस्था की कमान भी इनके पास ही है, हालाकि अब कृषि का अर्थव्यवस्था में योगदान कुछ कम हो रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है, की देश में किसानो का महत्व पहले से कम हुआ है, बल्कि यह काफी ज्यादा बढ़ा है, किसानो के योगदान को काफी भी नकारा नहीं जा सकता।
हमारा देश में जय जवान जय किसान का नारा भी बुलंद रहा है, जिस तरह देश के सैनिक सीमा पर राष्ट की सुरक्षा करते हैं, ठीक इसी प्रकार से हमारे किसान देश के खाद्यान्न की रक्षा करते हैं, उसको बनाते हैं, और इसके लिए प्रतिबद्धता से कार्य करते हैं। देश के किसानो के योगदान को कभी भी कम करके आंका नहीं जा सकता। लेकिन हाल ही में हमारे किसान भाई बहनो को काफी समस्याएं हुई है, जैसे कृषि उपज का सही लागत ना मिलना, फसलों में कीड़े लग जाना, उचित मुनाफा ना होना, बाढ़ जैसी प्राकर्तिक आपदाओं ने भी किसानो को परेशान किया है, ऐसे में सरकार का यह फ़र्ज़ बनता है, की वह किसानो के लिए इन सभी समस्याओ को ठीक करने की भरपूर कोशिश करें।
किसान क्रेडिट कार्ड की तरह और भी योजनाओ पर सरकार को ध्यान देने की जरुरत है, ताकि वो स्वावलम्बी बन पाए, और मेहनती बनने के साथ स्मार्ट वर्क पर भी ध्यान दें। हमे सरकार की इस पहल का भी स्वागत करना चाहिए, जिसम उन्होंने किसान कॉल सेण्टर बनाने का निर्णय किया है, यही एक बेहतरीन कार्य है, जिससे हमारे किसानो खेती सम्बंधित कई जानकारी कॉल सेण्टर से प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, लाभ हमेशा किसी ना किसी नुकसान के साथ भी आते हैं। किसानों को रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, यंत्रीकृत उपकरणों, सिंचाई सुविधाओं, भंडारण में निवेश करने की काफी आवश्यकता है और इसके लिए इन्हे पूंजी की भी जरुरत है। फसल के मौसम के टाइम किसानों की हेल्प के लिए ट्रेनेड लोगो की जरुरत को भी नकारा नहीं जा सकता।
अच्छी उपज वाली किस्मों (High Yielding Varieties) को अपनाने से अंतर-क्षेत्रीय असमानताएं जिसे इंग्लिश में Intra-Regional Inequalities भी कहते हैं, पैदा हुई हैं। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और कावेरी डेल्टा जैसे राज्यों में सभी किसानों को समान रूप से लाभ नहीं मिला है। कुछ बड़े, प्रगतिशील और पढ़े लिखे किसान किसान हैं जिन्होंने उच्च उपज वाली किस्मों से बहुत कुछ हासिल किया है। लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है , हालांकि अब लोग पहले से अधिक जागरूक हुआ है, शुरुआती दत्तक ग्रहण करने वालों ने नए बीजों से बहुत अधिक लाभांश प्राप्त किया। जब तक बहुमत नए बीजों को अपनाने के लिए आया, तब तक शुरुआती दत्तक ग्रहणकर्ताओं द्वारा प्राप्त आय लाभ आमतौर पर गायब हो गए। औसत, छोटे और सीमांत किसान ज्यादा लाभ नहीं ले सके, और देर से अपनाने वालों को भी कुछ प्राप्त नहीं हुआ । इस प्रकार, उच्च उपज वाली किस्मों का भेदभावपूर्ण प्रभाव रहा है जिसमें बड़े और शुरुआती दत्तक लाभान्वित हुए थे और इन बीजों को देर से अपनाने वाले छोटे और सीमांत किसानों को अधिक लाभ नहीं मिल सका है।
गेहूं, चावल, मक्का और बाजरा का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है। हालांकि, कई अनाज और नकदी फसलें (दालें, छोटे बाजरा, जौ, तिलहन) हैं जो संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर रही हैं। यह खरीफ दालों के मामले में है जहां प्रदर्शन में बहुत सुधार की आवश्यकता है। कृषि-जलवायु क्षेत्र में से प्रत्येक के लिए दालों की उच्च उपज वाली किस्मों का विकास दिन की प्रमुख आवश्यकता है।
भारत में किसान की हालत
भारत में किसान की क्या हालत है, यह किसी से छुपी नहीं है, अगर आप न्यूज़ में देखेंगे, तो रोज़ कोई कोई सुसाइड न्यूज़ किसान से ही संबधित होती है, नए भारत के लिए यह खबर ना केवल दुखद है, बल्कि शर्मनाक भी है, अब सवाल ये उठता है, की किसानो की यह हालत कैसे हो गयी है, क्या हमने किसानो पर ध्यान नहीं दिया, या सरकार किसानो की समस्या सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। इन प्रश्नो का उत्तर जानने से पहले आपको भारतीय किसान से मिलना होगा। अगर आप किसी भी गांव में जायेंगे, जहाँ एक बड़ा वर्ग किसानी करता है, तो वो आपको जमीनी समस्या से अवगत कराएगा। हालांकि गूगल सर्च करने पर भी कई प्रकार के रिजल्ट मिल जाते हैं, जो किसानो की हालत पर चर्चा के लिए लिखे गए हैं।
एक किसान पर निबंध
भारत के किसान दुनिया भर मे सबसे हार्ड वर्किंग किसान हैं। उनका पेशा सबसे मुश्किल भरा और चुनोतियो वाला है। वे रात-दिन काम करके फसलों के लिए हमेशा बिज़ी रहते हैं। वे सूर्य के प्रकाश की तपती धुप में और बारिश में भी काम करते हैं। उन्हें किसी भी मौसम का डर नहीं है, लेकिन उन्हें केवल इस बात का डर है कि उनकी फसल कहीं खराब ना हो जाए। मौसम का कहर वे तो बर्दास्त कर लेंगे, लेकिन वो कहर उनके खेत पर ना पड़े , उनके काम पर ना पड़े।
वे सूरज के उगनेसे पहले सुबह उठते हैं, और वे सूरज के छुपने के बाद सोते हैं। उन्हें सबसे अच्छी नींद आती है क्योंकि वे दुनिया के सबसे मेहनती हैं जो खेती करते हैं। वे भूमि को हल करने के लिए उपयोग करते हैं और उस में, वे फसलों की वृद्धि के लिए बीज बोते हैं। उनके लिए सबसे अच्छी फसलें होना ही उनका सपना है, यहीं उनके लिए सोना चांदी हैं।
वे सोने या चांदी या किसी भी प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं। वे असली सोना उगाते हैं जो फसलें हैं। जिससे हम सब का पेट भरता है, माता-पिता की तरह, वे दिन के साथ-साथ रात में भी फसलों पर नजर रखते हैं। वे आवारा पशुओं से फसलों के संरक्षक बन जाते हैं। ताकि फसलों को कोई नुकसान ना हो।
कुछ समय बाद जब फसलें कुछ बड़ी हो जाती हैं और पौधे में परिवर्तित होने लगती है, तथा पौधे से फसलें होने लगती हैं, फिर उनका काम और कठिन हो जाता है, अब फसल की कटाई के लिए आने वाले चोरों से बचाव करना भी होता है। जब फसल कटऑफ के लिए तैयार हो जाती है तो वे फसलों को काटकर घर ले जाते हैं।
तो दोस्तों मुझे लगता है, किसान पर यह छोटा सा निबंध आपको पसंद आया होगा, अब अगर आप भी देश के किसानो के लिए कुछ कहना चाहते हैं, तो कमेंट में लिख सकते हैं, अगर आप खुद एक किसान है, और ये लेख पढ़ रहे हैं, तो हम सबकी तरफ से आपको धन्यवाद। क्युकी यह लेख किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन पर था, तो हमे लगता है, अब आपको कस्टमर केयर से सम्पर्क कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड पर हमने एक लम्बा आर्टिकल भी लिखा है, ताकि अगर आपको इस कार्ड के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए, तो वो आप पढ़ पाए, इस लेख को आप यहाँ पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
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