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ममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल के 11 वीं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह राज्य की कमान संभालने वाली पहली महिला हैं।ममता का जन्म निम्न मध्यम परिवार में हुआ था, उनके माता-पिता गायत्री और प्रोमिलेश्वर बनर्जी थे। ममता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) मार्क्सवादी सरकार को भारी अंतर से हराकर इस मुकाम तक पहुंची है। इससे राज्य पर 34 साल के लंबे कम्युनिस्ट शासन का अंत हो गया। वह
All India Trinamool Congress की अध्यक्षा भी हैं, जिसकी स्थापना उनके द्वारा वर्ष 1997 में की गई थी। उन्होंने यह पार्टी राष्टीय कांग्रेस छोड़ने के बाद बनाई थी।
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ममता बनर्जी हेल्पलाइन फ़ोन नंबर
Mamata Banerjee Contact Phone Number | (033)2214-5555 |
Mamata Banerjee Helpline Number | (033)2214-5588 |
Mamata Banerjee Mobile Number | Not Available |
Email Account | cm@wb.gov.in |
Official Website Address | https://wbcmo.gov.in |
ममता बनर्जी WhatsApp नंबर
पश्चिम बंगाल सीएम व्हाट्सएप नंबर क्या है ? क्या हम लोग उनसे व्हाट्सऐप पर भी कोई हेल्प मांग सकते हैं, क्या कोई व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर भी है। तो दोस्तों अभी ऐसा नहीं है, अभी आप केवल ऊपर दिए ऑफिस नंबर से ही कांटेक्ट करिये, और अपनी शिकायत सीएम कार्यालय में कर सकते हैं। अगर आपकी शिकायत किसी विशेष डिपार्टमेंट से है, तो केवल उसी डिपार्टमेंट में शिकायत करिये। कुछ लोग हमसे एक बंगला आर्टिकल लिखने कह रहे हैं, तो हम जल्दी ही आपके लिए एक बंगला आर्टिकल भी पब्लिश करेंगे। जिसमे हम बंगला भाषा में उनके सभी कांटेक्ट नंबर देने वाले है।
ममता का जीवन परिचय
ममता ने अपनी राजनितिक करयिर की शुरुवात 1970 के दशक में भारतीय राष्टीय कांग्रेस पार्टी से की। वह 1976 से 1980 तक राज्य महिला कांग्रेस की महासचिव भी रही। साल 1984 लोकसभा इलेक्शन में में, दक्षिण कोलकाता के जादवपुर से दिग्गज सोमनाथ चटर्जी को हराकर सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक बनी , इस कारन इनकी छवि कांग्रेस में काफी बढ़ गयी। जिसके बाद इन्हे अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया।
साल 1989 लोकसभा इलेक्शन में ममता का जादू जैसे कम हो गया, और वो कम अंतर् से यह चुनाव हार गयी लेकिन अगले ही साल 1991 में, ममता कोलकाता दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरित होकर लोकसभा चुनाव जीत गयी, इस बार उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया। उन्हें मानव संसाधन विकास, युवा मामले और खेल, और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री का पदभार दिया गया। इसी साल 1991 में, बनर्जी पर सीपीआई-एम कार्यकर्ताओ ने एक रैली में हमले कर दिए, जिसमे उनके सर पर गहरी चोट आयी। इस हमले में उनका सिर फ्रैक्चर हो गया है।
साल 1993 में, बनर्जी को तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस द्वारा जबरन पिटाई की गयी थी। अप्रैल 1996 में, ममता ने कांग्रेस पार्टी से अपनी असहमति दिखाई, उनका आरोप था की पार्टी को सीपीआईएम से लड़ने के लिए अधिक स्वच्छ छवि बनानी होगी, जिसमे कांग्रेस नाकाम है। इस कारण से उनकी कांग्रेस हाई कमान से ठन गयी। जिसके कारण उन्होंने 1997 में, कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की।
साल 1999 में, ममता भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल हो गयी, जिसमे उन्हें रेल मंत्रालय का कार्यभार मिला। ममता ऐसी पहली महिला थी, जो रेल मंत्री बनी। उन्होंने भारतीय रेलवे को विकसित करने के लिए कई फैसले लिए। साल 2000 में, अपने पहले रेल बजट में, पश्चिम बंगाल के लिए कई नई एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू कीं। ममता और बीजेपी की दोस्ती ज्यादा दिन टिक नहीं पायी, 2001 की शुरुआत में, वह एनडीए कैबिनेट से बाहर चली गईं और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का फैसला लिया उनके इस गठबंधन ने बंगाल में 86 सीटें से अधिक सीटें जीती। भले ही गठबंधन सरकार नहीं बना पाया, लेकिन यह ममता की जोरदार शुरुवात थी, जिससे सीपीआईएम हिल गयी।
साल 2004 के लोकसभा चुनावों में, वह पश्चिम बंगाल की एक सीट जीतने वाली एकमात्र तृणमूल कांग्रेस की सदस्य थी। अक्टूबर 2005 में, उन्होंने पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार की औद्योगीकरण नीति के खिलाफ विरोध किया और राज्य में इंडोनेशिया के सलीम समूह के हित में प्रवेश करने का विरोध किया। 2005 में, तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता नगर निगम का नियंत्रण खो दिया और मेयर सुब्रत मुखर्जी कांग्रेस से हार गए। 2006 में, राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस केवल 30 सीटें जीत सकी। 4 अगस्त 2006 को, ममता ने बांग्लादेशियों द्वारा घुसपैठ पर हो रहे सदन चर्चा में अपना इस्तीफा डिप्टी स्पीकर को फेक कर दिया।
तृणमूल कांग्रेस ने 2009 में लोकसभा चुनाव में वाम मोर्चा की नींव को हिलाकर रख दिया, जिसमें 19 एमपी सीटें थीं। इसके सहयोगी कांग्रेस और एसयूसीआई को भी क्रमशः 6 और 1 एमपी सीटें मिलीं। ममता बनर्जी ने रेल मंत्री का पदभार फिर से संभाला। 28 मई, 2010 को पश्चिम मिदनापुर जिले में झारग्राम के पास जनेश्वरी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से 149 लोगों की मौत हो गई, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सीपीआई ने इसके लिए साजिश की है। इस कारण जून 2010 में, तृणमूल कांग्रेस ने अकेले (कांग्रेस के साथ गठबंधन के बिना) नगरपालिका चुनाव लड़ा, और एक शानदार जीत दर्ज की।
साल 2011 में ममता बनर्जी की पार्टी ने गठबंधन के साथ मिलकर एक शानदार जीत पायी, उनके गठबंधन को कुल 227 सीटें मिली, अकेले टीएमसी को 184 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। इसके बाद 20 मई 2011 को ममता ने पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री की शपथ ली। इसके बाद साल 2016 में भी ममता को जोरदार जीत मिली। इसमें उनके पार्टी को बिना किसी गठबंधन के 211 सीटें मिली।
ममता बनर्जी सवाल
क्या हम ममता बनर्जी को फ़ोन कर सकते हैं, और उनसे फ़ोन पर बात कर सकते हैं ?
अगर आपको ममता बनर्जी से फ़ोन पर बात करनी है, तो इसके लिए आपको सबसे पहले उनसे अपॉइंटमेंट लेनी होगी, इसके लिए आप उनके ऑफिस पर फ़ोन करिये, और उनसे मिलने का कारण बताईये, अगर आपके मिलने के कारण में कोई दम होगा, और तो सीएम आपसे जरूर मिलेगी। लेकिन अनुचित कारण और छोटे मसलो पर आप सीएम से नहीं मिल पाएंगे, या फिर बात कर सकेंगे।
क्या ममता बनर्जी जी को फेसबुक पर शिकायत भेज सकते हैं ?
ममता बनर्जी जी को फेसबुक के माध्यम से भी शिकायत की जा सकती है, ममता बनर्जी का फेसबुक अकाउंट आपको फेसबुक पर मिल जाएगा। केवल उनके आधिकारिक ऑफिसियल हैंडल को ही फॉलो करे, और सुचना के लिए आप उनके अन्य सोशल मीडिया पोर्टल को भी फॉलो कर सकते हैं, जिसकी जानकारी आपको गोगोल पर पा सकते हैं।
ममता बनर्जी से जुडी कुछ और जानकारी चाहिए ?
हाँ, बिलकुल आप इस आर्टिकल में ममता बनर्जी से जुडी कोई भी जानकारी पा सकते हैं, इसके अलावा आप कमेंट में भी अपने सवाल पूछ सकते हैं, अगर कुछ हमसे छूट गया है, तो उसकी जानकारी भी आप हमे बता सकते हैं। यहाँ पर हमने कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल लिंक भी दिए हैं, जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
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