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(Top List) बिहार का सबसे अमीर आदमी 2023

कुछ लोग बिहार को केवल एक गरीब और बीमारू राज्य समझते हैं, उनका मानना है, की इस स्टेट में कोई व्यक्ति अरबपति नहीं हो सकता, जबकि ऐसा नहीं है, अगर हम बिहार में अमीर व्यक्तियों की बात करे, तो यहाँ भी एक से बढ़कर एक अमीर है, जिनकी सम्पत्ति ना केवल करोड़ो में है, बल्कि ये अरबो और खरबो के मालिक है। अगर आप बिहार के ही रहने वाले हैं, तो आपको यह जानकारी जरूर पता होनी चाहिए, की हमारे स्टेट में सबसे अमीर व्यक्ति कौन है। तो दोस्तों यहाँ मै आपको केवल बिहार का सबसे अमीर व्यक्ति का नाम नहीं बताऊंगा, बल्कि आज हम आपको यहाँ के टॉप 5 सबसे अमीर व्यक्तियों के बारे में बताएंगे।

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बिहार का सबसे अमीर व्यक्ति / आदमी

बिहार का सबसे अमीर आदमी

बिहार का सबसे अमीर आदमी का नाम अनिल अग्रवाल है। अगर आपने इनके बारे में पहले नहीं सूना है तो हम आपको बता दें, की ये वेदांता रिसोर्सेस लिमिटेड कम्पनी के मालिक है, और इनकी संपत्ति 25000 करोड़ से भी अधिक है। ये भारत के टॉप 50 सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं, और इस समय इनकी कम्पनी लंदन से काम करती है। ये भी अब लंदन में ही रहते हैं, लेकिन जब भी भारत आते हैं, तो एक बार बिहार जरूर जाते हैं। ये मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं, और इनकी कम्पनी खनन उद्योग और स्टील बनाने का काम करती है।

अग्रवाल का जन्म पटना बिहार में हुआ, और इन्होने अपना बचपन भी इसी शहर में गुज़ारा है, ये पटना की हर गलियों को जानते हैं, और बचपन से ही इनके एक उद्योगपति बनने का ख्वाब था। अनिल अग्रवाल ने अपनी पढ़ाई मिलर हाई स्कूल पटना से की है, इनके पिता एक कम्पनी में कॉन्ट्रैक्ट का काम करते थे। अनिल जब 19 साल के हुए, तो इन्होने आगे की पढ़ाई के लिए पटना छोड़ दिया और मुंबई आ गए। मुंबई में इन्होने बैंक से लोन लेकर एक कॉपर तार का बिज़नेस शुरू किया, यह बिज़नेस काफी तेज़ी से चला और फिर इसी तरह यह एक बड़े व्यवसायी बने।

अगर आप इनके बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो इनका विकिपीडिआ प्रोफाइल या फोर्बेस प्रोफाइल पढ़ सकते हैं

1. सम्प्रदा सिंह

यह बिहार के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन साल 2019 में इनका देहांत हो गया, यह फोर्बेस की लिस्ट में टॉप 50 भारतीय कारोबारियों में गिने जाते थे, इनका जन्म बिहार के जहानाबाद में हुआ था, और इनकी कुल संपत्ति 23000 करोड़ रुपए थी, वैसे यह कई बार शेयर मार्किट में उछाल के कारन बिहार के सबसे अमीर आदमी भी बन गए थे, लेकिन अब इनका परिवार इनका बिज़नेस चलाता है।

इनकी कम्पनी का नाम ?

सम्प्रदा सिंह एक लेबोटरी कम्पनी चलाते थे, जो फार्मा में भी अपना व्यवसाय करती है, इनका यह बिज़नेस पूरी दुनिया में फैला हुआ है, और दुनिया में पांच से अधिक देशो में इनकी फैक्ट्रियां भी स्थित है। इनका जन्म जहानाबाद बिहार 1925 में हुआ था। इन्होने अपनी शुरुवाती पढ़ाई भी जहानाबाद में ही की थी।

2. सुब्रत रॉय

सुब्रत रॉय एक भारतीय व्यापारी हैं। वह Sahara India के Owner और Director हैं, सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को पूर्णिया बिहार में हुआ था। सुब्रत रॉय की कम्पनी सहारा इंडिया एक लोन देने वाली बैंकिंग कम्पनी थी, यह कम्पनी पुरे भारत में फैली हुई थी। सुब्रत रॉय भारत के एक विवादित व्यवसायी भी माने जाते है, जिनपर निवशकों के कई हज़ार करोड़ गमन करने के आरोप है। इस कारण से इन्होने कई महीने तिहार जेल में भी बिताएं है।

रॉय को इंडिया टुडे ने 2012 में भारत की सबसे ताकतवर व्यक्तियों कि लिस्ट में दसवां रैंक दिया। 2004 में, सहारा समूह को भारतीय रेलवे के बाद टाइम पत्रिका ने ‘The second largest employer in India’ कहा था। समूह पूरे भारत में फैले 5,000 से अधिक प्रतिष्ठानों में काम करता है और इसमें सहारा इंडिया परिवर की छतरी के नीचे लगभग 1.4 मिलियन का कार्यबल है।

सहारा ग्रुप के चेयरमैन के पास कितनी सम्पत्ति है ?

उनकी संपत्ति का आंकलन लगा पाना संभव नहीं है। ऐसा इसीलिए क्योकि अब भी इनके पास करोड़ो रुपए की राशि बकाया है, और इनको सुप्रीम कोर्ट ने कई बार डेडलाइन दे रखी है, अगर ये जल्दी ही निवेशकों का पैसा नहीं लौटाते तो इन्हे फिर से हिरासत में लिया अजा सकता है।

3. रविंद्र किशोर सिन्हा

रविंद्र किशोर सिन्हा एक भारतीय राजनीतिज्ञ और व्यापारी है, ये एशिया की सबसे बड़ी प्राइवेट सिक्योरिटी कम्पनी चलाते हैं, इस ग्रुप का नाम Security and Intelligence Services है, यह कम्पनी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशो में फैली हुई है,और इसके पास दो लाख से भी अधिक की वर्क फाॅर्स है। इसके दुनिया भर में 312 से भी अधिक ब्रांचेज है।

रविंद्र किशोर सिन्हा ने इस कम्पनी की स्थापना साल 1985 में की थी, कम्पनी का हेडक्वार्टर नई दिल्ली में है। सिन्हा मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं, और यहीं से इन्होने अपनी कम्पनी की शुरुआत की। बाद में कम्पनी को देश के और हिस्सों में फैलाया और अब यह दुनिया के कई देशो में काम करती है। कम्पनी मुख्यतः सिक्योरिटी गार्ड, हाउस कीपिंग, ऑफिस बॉय, क्लीनिंग जैसी सर्विस देती है, और भारत की बड़ी कम्पनियो और बैंक से इसका करार है। टाटा स्टील, ICICI बैंक, और एसबीआई इसके कस्टमर है।

रविंद्र कुमार का व्यवसाय इस समय इनके सुपुत्र संभाल रहे हैं, सिन्हा ने साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी, और इसी साल से ये भाजपा के राज्यसभा सांसद भी है। ये भाजपा के सबसे अमीर सांसदों में से एक है।

कितनी सम्पत्ति के मालिक है ?

SIS ग्रुप के मालिक को भारत के सबसे अमीर उद्योगपतियों में गिना जाता है, ये बिहार के एक बड़े उद्योगपति है। और इनकी सम्पत्ति 5000 करोड़ रुपए है।

4. संजय कुमार झा

संजय कुमार झा जिन्हे शार्ट में SK JHA के नाम से जाना जाता है एक भारतीय अमेरिकी कारोबारी और कई कम्पनियो के पूर्व CEO है, इन्होने Qualcomm , मोटोरोला मोबिलिटी, ग्लोबल फॉउंडरिस, जैसी बड़ी अंतराष्टीय कम्पनियो में महत्वपूर्ण पद संभल चुके हैं। इनका जन्म बिहार के भागलपुर में हुआ था, लेकिन इन्होने अपनी पढ़ाई विदेश में की है। और अब अमेरिका में ही रहते हैं। इनकी कुल संपत्ति 3000 करोड़ रुपए से भी अधिक की है।

आर्टिकल से हमने क्या सीखा – तो दोस्तों यह लेख पढ़ने के बाद हमे बिहार के सबसे अमीर व्यक्तियों के बारे में पता चला, अब अगर आपसे कोई बिहार का सबसे अमीर आदमी पूछेगा, तो अब आप सही उत्तर दे पाएंगे, इसके अलावा भी अगर आप बिहार से जुडी कोई और जानकारी चाहते हैं, जिसपर हम एक लेख भी लिखे, तो कमेंट में बता सकते हैं। हम अपने वेबसाइट पर जल्दी ही जीके सीरीज के आर्टिकल भी पब्लिश करेंगे, जो आपके सामान्य ज्ञान को सुधारने में आपके मदद करेंगे। अगर यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहा, और आपने इस लेख से कुछ सीखा भी है, तो अपने और दोस्तों को भी यह जानकारी दीजिये। इसके लिए यहाँ निचे शेयर बटन पर क्लिक करके आप ऐसा कर सकते हैं।

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5. बिहार के अमीर लोग

बिहार एक ऐसा राज्य है जिसे किसी भी नजरिए से समझना बहुत मुश्किल है।

अगर शिक्षा की बात करें, तो बिहार की साक्षरता दर सिर्फ 69.83% है, जो इसे भारत के सबसे कम शिक्षित राज्यों में से एक बनाता है, लेकिन हर साल दसियों यूपीएससी टॉपर्स या आईआईटी टॉपर्स देने वाला राज्य सुर्खियों में आता है।

अगर इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो मुझे लगता है कि पिछले 16 सालों में (नीतीश कुमार के काल में) बिहार में सिर्फ इतना ही विकास हुआ है, इस बात पर सबकी सहमति है, सड़कें, पुल, फ्लाईओवर, रिंग रोड और स्थानीय सड़कें बनाना आदि।

मध्यकाल के दौरान, बिहार पर बाहर से शासन किया गया था। पाल और सेना राजवंशों ने बंगाल से इस पर शासन किया। मुगलों ने दिल्ली से इस पर शासन किया। एक संक्षिप्त अवधि के लिए, एक बिहारी दिल्ली के सिंहासन पर बैठा – शेर शाह! उनके द्वारा पटना को पुनर्जीवित किया गया था। लेकिन जल्द ही वह एक दुर्घटना का शिकार हो गया।

इस बीच, नालंदा विश्वविद्यालय जैसे सांस्कृतिक केंद्रों को जला दिया गया, जबकि विक्रमशिला विश्वविद्यालय फोकस और धन की कमी के कारण दम तोड़ गया।

इन सबके बीच बिहार ने अपनी अर्थव्यवस्था नहीं खोई। 17वीं शताब्दी तक, बिहार में कपड़ा उद्योग फलता-फूलता था। फिर अंग्रेजों ने आकर सारा खेल बदल दिया।

अर्थव्यवस्था बंदरगाह शहरों में स्थानांतरित हो गई, जहां बिहार में कोई नहीं था। जबकि घरेलू कपड़ा उद्योग उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद की नीतियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।

अधिक दुर्भाग्य आना था क्योंकि 1764 में बिहार और बंगाल ब्रिटिश शासन के अधीन आने वाले पहले राज्य थे। किसी भी अन्य राज्य में लूट और लूट यहां बहुत पहले शुरू हुई थी।

कुछ को छोड़कर अस्पतालों और विश्वविद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं है।

हालाँकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कुछ योजनाएँ शुरू कीं जैसे कि साइकिल देना ताकि छात्र आसानी से घर से स्कूल आ सकें, खासकर अगर वह स्कूल से दूर रहते हैं।

बिहार में सबसे अमीर कौन है ?

बिहार का सबसे अमीर आदमी का नाम अनिल अग्रवाल है। 1954 में पटना में जन्मे, अग्रवाल चार दशक पहले एक छोटे स्क्रैप धातु व्यवसाय चलाने से उठे और खनन और पेट्रोलियम में फैले व्यापारिक साम्राज्य के साथ भारत के सबसे धनी टाइकून में से एक बन गए। अग्रवाल ने 1970 के दशक के मध्य में स्क्रैप धातु का व्यापार शुरू किया। उन्होंने 1976 में शमशेर स्टर्लिंग कॉर्पोरेशन का अधिग्रहण किया। दस साल बाद, उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जो 1993 में कॉपर स्मेल्टर और रिफाइनरी स्थापित करने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गई। भारत एल्युमिनियम कंपनी (बाल्को) में एक प्रतिशत हिस्सेदारी और राज्य द्वारा संचालित HZL (हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड) में बहुमत हिस्सा (लगभग 65 प्रतिशत)।

क्या बिहार एक अमीर राज्य है ?

इतिहास में बिहार एक बहुत ही अमीर राज्य हुआ करता था। नंद, मौर्य, शुंग, गुप्त, सभी अपने समय में दुनिया में सबसे अच्छे साम्राज्यों की तुलना में बहुत शक्तिशाली साम्राज्य थे। लेकिन मौर्य के अलावा, उपमहाद्वीप के भीतर बाकी लोगों को हार का सामना करना पड़ा। इन साम्राज्यों के समय में विशेष रूप से जब वे अपने चरम पर थे, तो वे बहुत मजबूत और धनी थे। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि सबसे मजबूत या सबसे धनी। हालाँकि अन्य राज्य भी रहे होंगे जो इन साम्राज्यों के समय या उससे पहले या बाद में अमीर या मजबूत हो सकता है। उदाहरण के तौर पर स्वर्गीय गुप्तों को लिया जा सकता है। वर्तमान में बिहार गरीब राज्यों की सूचि में आता है।

बिहार में कितने अरबपति है ?

इसका कोई संख्या आधार नहीं है। लेकिन मेरे हिसाब से बिहार में अरबपतियों की संख्या हज़ारो है, लेकिन वे या तो बिहार में रहते नहीं है, या अपनी मूल पहचान दर्शाते नहीं है।

बिहार के अमीर लोग बाहर क्यों जाते है ?

मुझे नहीं लगता कि बिहार को अमीर बनाना कोई बड़ी समस्या है। लेकिन राजनेता शायद ही कभी उस क्षमता को देखते हैं जो बिहार अपने दम पर पेश करता है। वे केवल देखते हैं कि बाहर से उद्योग जैसे कम लटके फल बिहार में आकर बस जाएं, जो असंभव के करीब है अगर बिहार उन्हें सुरक्षा, बिजली, परिवहन, आधुनिकीकरण, कार्यबल, मानव बल, श्रम जैसे रिटर्न की पेशकश नहीं करता है। व्यवसायी मुलभुत सुविधाओं के अभाव के कारण बिहार में रहना पसंद नहीं करते।

This post was last modified on January 18, 2023 4:57 pm